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Thursday 21 June 2012


माँ मेरी माँ

 माँ बनकर ये जाना मैंने,
 माँ की ममता क्या होती है,
 जब नन्हे-नन्हे नाज़ुक हाथों से ,
 तेरे स्पर्श से पाया मेने ,
 जग में सबसे सुंदर होती है माँ
 माँ की मूरत केसी होती है॥
 अब जाना मेने तुम्हे पाकर
 उन आँखों में मेरा बचपन,
 तुम्हें निहारा करती थी. . .
 तस्वीर माँ की होती थी,
 माँ बनकर ये जाना मैंने,

 माँ की ममता क्या होती है॥
 जब मीठी-मीठी प्यारी बातें,
 कानों में मधुर स्वर लेहेराते थे,
 नटखट मासूम अदाओं से,
 तंग मुझे जब करते थे. . .
 पकड़ के आँचल के साये,
 तुम्हें छुपाया करती थी. . .
 उस फैले आँचल में भी,
 यादें माँ की होती थी. . .

 माँ बनकर ये जाना मैंने,
 माँ की ममता क्या होती है॥
 देखा तुमको सीढ़ी दर सीढ़ी,
 अपने कद से ऊँचे होते,
 छोड़ हाथ मेरा जब तुम भीचले कदम बढ़ाते यों,
 हो खुशी से पागल मै,
 तुम्हें पुकारा करती थी,
 कानों में तब माँ की बातें,
 पल-पल गूँजा करती थी. . .

 माँ बनकर ये जाना मैनें,
 माँ की ममता क्या होती है॥
 आज चले जब मुझे छोड़,
 झर-झर आँसू बहते हैं,
 रहे सलामत मेरे बच्चे,
 हर-पल ये ही कहते हैं,
 फूले-फले खुश रहे सदा,
 यही दुआएँ करती हूँ. . .
 मेरी हर दुआ में शामिल,
 दुआएँ माँ की होती हैं. . .
 माँ बनकर ये जाना मैंने,
 माँ की ममता क्या होती है॥

 सदा बहार

,,,,,,,,,,, अम्मा,,,,,,,,,,,,,

 सारे रिश्ते नाते झूटे निकले
 जेठ के दुपहर अम्मा निकली
 गर्म हवा आतिश अंगारे
 झरना दरिया झील समंदर
 भीनी सी पुरवाई अम्मा !
 घर के झीने रिश्ते मैंने,
 हर सिक्षा का हर गुण ग्यानी
 अम्मा जैसी कोई न मिले,
 लाखों बार उधडते देखे,
 चुपके-चुपके कर देती थी
 जाने कब तुरपाई अम्मा!!
 अम्मा का हृदये कमल सा लगा,
 दुःख दर्द सब मिट जाता था
 सबसे प्यारी सबसे न्यारी है हमारी अम्मा !!



 ,,,,,,,,,,,,,,सदा बहार ,,,,,,,,,,

~ हर नारी को अपनी शक्ति समझें और निः स्वार्थ प्रेम बनाए रखिये ~



नारी 

मैं जो भी शाएरी/लेख लिखती हूँ और शेयर करती हूँ, 
वो दर्शकों को चेतावनी देने के लिए है,
की श्री राधे और कृष्ण जी को जिस तरह श्रद्धा करते है हम,
ठीक उसी तरह हमे नारियों को भी श्रद्धा करना चाहिए, 
आखिर हम इन्ही नारियों से दुनिया में आये है, 
समाज कहते है की नारी आगे बढ़ो,
फिर वही समाज नारी को आगे बढ़ते हुए देख नहीं सकता,
अकेले निकले तो परेशानी,अँधेरे रास्तें से गुजरे तो खेर नहीं,
अगर नारी सुन्दर हो तो भी मुश्किल और बदसूरत हो तब भी मुश्किल,
दिन ब दिन नारियों के उप्पर अत्याचार बढ़ता चला जा रहा है,
जन्म से लेकर मृत्यु तक नारी कही से भी महफूज़ नहीं है,

हमारे देश में प्यार मोहोब्बत का जो सिलसिला है,
वो हर घर - घर में होती है,
नारी को प्यार के जाल में फसाया जाता है,
या फिर कम उम्र में विवाह कर दिया जाता है,
किसी कारण से नारी को बातों - बातों में ताना दिया जाता है, 
मारा जाता है और जला दिया जाता है, 
या मजबूर करते है मरने के लिए या फिर मार दिया जाता है, 
माँ न बन सके तो कुलटा कह कर धिक्कार किया जाता है,
और बेटा पैदा न हो तो माँ को बेटी समेत मार दिया जाता है,
हमारे भारत का यही कल्चर बन गया है,

हम अपने द्वारा कोशिश करते है की,
आप सभी मेरे लेख को अच्छी तरह से पढ़े और समझे,
श्री राधे और कृष्ण जी के निः स्वार्थ प्रेम के आधार पर चलने की कोशिश करें,
हर नारी को अपनी शक्ति समझें और उसे प्यार करें,
और राधा रानी के तरह श्रद्धा करें और उसे पूंजे,
नारी को पुन्जना मतलब भगवान् की पूजा करना,
नारी ही लक्ष्मी है नारी ही माँ है और जगत जननी है,
हम और आप इसी नारी से है,

जिनके कारण आज हम इस दुनिया में आये है,
नारी को प्यार करिए और उनके आँखों से अश्क कभी बहने न दीजिये,
श्री राधा और कृष्ण जी जैसे एक निः स्वार्थ प्रेम पाइए और आगे बड़ाइए,
नारी हमारी अनमोल रत्न है इन्हें संभाल कर रखिये,
इनके तकलीफों को अपनी तकलीफ समझिये,
एक नारी की तकलीफें पुरूष नहीं समझ सकता,
नारी अपने परिवार के लिए अपना जीवन दाव पे लगा देती है,
सुबह से शाम कुल्लू के घनी के तरह पिसती है,
सिर्फ एक प्यार के खातिर और थोड़ी सी सुख के लिए,
नारी कभी किसी से कुछ नहीं मांगती है लेकिन अपना सब कुछ लुटा देती है । 

 जय श्री राधे कृष्ण 

 सदा बहार 
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