जब में नौ साल की थी तब मेरी माँ ने मुझसे पूछा था,
की बेटा तुम बड़े होकर क्या बनना चाहते हो ?,
माँ मुझसे बहुत प्यार करती थी,
तो मेने कहा माँ से की मुझे बड़ा होकर जोकर बनना है,
क्यूंकि माँ कभी - कभी अकेले बैठे नाजाने किस बात पे रोती थी.
माँ को हसाने के लिए में कभी - कबी जोकर बनकर माँ को हसाती थी,
माँ को हस्ते देख में खुश होती थी जो मुझे अच्छा लगता था,
इसलिए मैंने सोचा था की में बड़ा होकर जोकर बनकर माँ को खुश रखूंगी,
माँ ज़िन्दगी भर हस्ते रहे यही चाहती थी में.
~ ~ सदा बहार ~ ~
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